भारत के प्रधानमंत्री – List of Prime Ministers of India

Last Updated on जून 7, 2023 by Sonal

भारत के प्रधानमंत्रियों नाम की सूची

भारत का प्रधानमंत्री देश की सरकार का सबसे उच्च पद होता है। प्रधानमंत्री देश के नेता और शासक होते हैं, जो देश के नियंत्रण, नीति निर्धारण, और सरकारी कार्यों की प्रबंधन करते हैं। प्रधानमंत्री का कार्यकाल पांच साल का होता है और वह प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा, विकास, और कल्याण के लिए जिम्मेदार होता है। वे अपनी सरकारी नीतियों के माध्यम से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की प्रगति को सुनिश्चित करने का प्रयास करते हैं। भारत के प्रधानमंत्री का चयन लोकसभा के सदस्यों के माध्यम से होता है, जो लोकतांत्रिक चुनावों के द्वारा निर्धारित होते हैं। यह पद देश के नेतृत्व, निर्णायकता, और सामरिक और आर्थिक विकास को दर्शाता है।

भारत के प्रधानमंत्री भारत गणराज्य सरकार के मुखिया हैं। भारत के प्रधानमंत्री, का पद, भारत के शासनप्रमुख (शासनाध्यक्ष) का पद है। संविधान के अनुसार, वह भारत सरकार के मुखिया, भारत के राष्ट्रपति का मुख्य सलाहकार, मंत्रिपरिषद का मुखिया, तथा लोकसभा में बहुमत वाले दल का नेता होता है। वह भारत सरकार के कार्यपालिका का नेतृत्व करता है। भारत की राजनैतिक प्रणाली में, प्रधानमंत्री, मंत्रिमंडल में का वरिष्ठ सदस्य होता है।

भारत के संविधान में प्रधानमन्त्री के निर्वाचन और नियुक्ति के लिए कोई विशेष प्रक्रिया नहीं दी गयी है. अनुच्छेद 75 केवल यह कहता है कि प्रधानमन्त्री की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी. प्रधानमन्त्री देश में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गयी सरकार का नेता होता है. प्रधानमन्त्री को पद ग्रहण करने से पूर्व भारत के राष्ट्रपति द्वारा उसे पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई जाती है. प्रधानमन्त्री अपने साथ एक कैबिनेट का चयन भी करता है और उसकी सिफारिश पर ही राष्ट्रपति अन्य केन्द्रीय मंत्रियों को पद की शपथ दिलाता है. हालाँकि किस मंत्री को कौन सा मंत्रालय दिया जायेगा इसका फैसला प्रधानमन्त्री करता है?

भारत के प्रधानमंत्री के बारे में जानकारी प्राप्त करें। यहां आप भारत के वर्तमान और पूर्व प्रधानमंत्रियों के नाम, कार्यकाल, और सरकारी नीतियों के बारे में विवरण प्राप्त कर सकते हैं। जानें कैसे प्रधानमंत्री देश के विकास, सुरक्षा, और आर्थिक प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए कार्य करते हैं।

संख्यानामकार्यकाल आरंभकार्यकाल समाप्त
01जवाहरलाल नेहरू15 अगस्त, 194727 मई, 1964
02गुलजारीलाल नंदा27 मई, 19649 जून, 1964
03लालबहादुर शास्त्री9 जून, 196411 जनवरी, 1966
02गुलजारीलाल नंदा*11 जनवरी, 196624 जनवरी, 1966
04इन्दिरा गान्धी24 जनवरी, 196624 मार्च, 1977
05मोरारजी देसाई24 मार्च, 197728 जुलाई, 1979
06चौधरी चरण सिंह28 जुलाई, 197914 जनवरी, 1980
(04)इन्दिरा गान्धी14 जनवरी, 198031 अक्टूबर, 1984
07राजीव गान्धी31 अक्टूबर, 19842 दिसम्बर, 1989
08विश्वनाथ प्रताप सिंह2 दिसम्बर, 198910 नवंबर, 1990
09चंद्रशेखर10 नवंबर, 199021 जून, 1991
10नरसिंह राव21 जून, 199116 मई, 1996
11अटल बिहारी वाजपेयी16 मई, 19961 जून, 1996
12एच डी देवगौड़ा1 जून, 199621 अप्रेल, 1997
13इंद्रकुमार गुज़राल21 अप्रेल, 199719 मार्च, 1998
(11)अटल बिहारी वाजपेयी19 मार्च, 199819 अक्टूबर, 1999
(11)अटल बिहारी वाजपेयी19 अक्टूबर, 199922 मई, 2004
14मनमोहन सिंह22 मई, 200422 मई, 2009
(14)मनमोहन सिंह22 मई, 200917 मई 2014
15नरेन्द्र मोदी**26 मई, 2014वर्तमान तक

आजादी के बाद सभी प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल का विवरण नीचे दिया गया है:

कांग्रेस

=> जवाहर लाल नेहरू

कार्यकाल – 15 अगस्त 1947 से, 27 मई 1964 तक, 16 साल और 286 दिनों के लिये सेवा प्रदान की। भारत के स्वतंत्रता के बाद पहले प्रधानमंत्री थे।

=> गुलजारीलाल नंदा

कार्यकाल – 27 मई 1964 से, 9 जून 1964 तक, 13 दिनों के लिए सेवा प्रदान की।
कार्यकाल – 11 जनवरी 1966 से, 24 जनवरी 1966 तक, 13 दिनों के लिए सेवा प्रदान की वह भारत के पहले ‘अंतरिम प्रधानमंत्री’ थे। अवकाशकालीन अधिकारी के रूप में प्रधानमंत्री रहे।

=> लाल बहादुर शास्त्री

कार्यकाल – 9 जून 1964 से, 11 जनवरी 1966 तक, 1 वर्ष और 216 दिनों के लिए सेवा प्रदान की।
वह महात्मा गाँधी के निष्ठावान अनुयायी थे तथा उन्होंने “जय जवान जय किसान” जैसे लोकप्रिय नारे पर जोर दिया। शास्त्री नम्रता से बोलने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने भारत में दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए ‘श्वेत क्रांति’ को बढ़ावा दिया था। उन्होंने अपने पदभार के दौरान भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय ताशकंद संधि पर हस्ताक्षर किए।

=> पंडित गुलज़ारीलाल नंदा

कार्यकाल 11 जनवरी 1966 – 24 जनवरी 1966: अवकाशकालीन अधिकारी के रूप में प्रधानमंत्री रहे।

=> इंदिरा गाँधी

कार्यकाल – 24 जनवरी 1966 से, 24 मार्च 1977 तक, 11 वर्ष और 59 दिनों के लिए सेवा प्रदान की।
कार्यकाल – 14 जनवरी 1980 – 31 अक्टूबर 1984 तक, 4 वर्ष और 291 दिनों के लिए सेवा प्रदान की।
इंदिरा गाँधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं तथा दुनिया में सबसे लंबे कार्यकाल वाली महिला प्रधानमंत्री बनी। उनके साहस और बहादुरी ने 1971 में भारत को पाकिस्तान पर जीत दिलाई। उन्होंने पड़ोसी देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में सुधार लाने के लिये महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्हें बांगलादेश मुक्ति संग्राम, परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम, और आर्थिक गरीबी निवारण कार्यक्रम के लिए याद किया जाता है। उन्होंने कई सामाजिक कार्यक्रमों को शुरू किया, जैसे गरीबी रेखा, आहार योजना, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, और जनधन योजना।

जनता पार्टी

=> मोरारजी देसाई

कार्यकाल – 24 मार्च 1977 से, 28 जुलाई 1979 तक, 2 साल और 126 दिनों के लिये सेवा प्रदान की
मोरारजी देसाई भारत के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने। उन्होंने तथा उनके मंत्रियों ने औपचारिक रूप से आपातकाल की स्थिति को समाप्त कर दिया जिसे इंदिरा गांधी ने लगाया था। उन्होंने एक कृषि विकास योजना की शुरुआत की और गरीबी निवारण के लिए कई उपाय किए।

जनता पार्टी (सेक्यूलर)

=> चरण सिंह

कार्यकाल – 28 जुलाई 1979 से, 14 जनवरी 1980 तक, 170 दिनों के लिए सेवा प्रदान की।
उत्तर प्रदेश के राजस्व मंत्री के रूप में कार्य कर चुके चरण सिंह ने जमींदारी प्रणाली को हटाकर, भूमि सुधार अधिनियमों को लागू किया। उनकी सरकार ने ग्रामीण विकास, किसानों की सुविधाओं में सुधार, और प्रशासनिक सुधार की पहल की।

कांग्रेस

=> राजीव गाँधी

कार्यकाल – 31 अक्टूबर 1984 से, 2 दिसंबर 1989 तक, 5 वर्ष और 32 दिनों के लिए सेवा प्रदान की
राजीव गाँधी 40 वर्ष की आयु में प्रधानमंत्री बने और कंप्यूटर को भारत में लाने में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने वास्तव में भारतीय प्रशासन का आधुनिकीकरण किया। उन्होंने अमेरिका के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार किया था तथा आर्थिक सहयोग का भी विस्तार किया था। उन्होंने प्रौद्योगिकी, पशुपालन, और शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधार किए।

जनता दल

=> वी.पी. सिंह (श्री विश्वासराव प्रताप सिंग)

कार्यकाल – 2 दिसंबर 1989 से 10 नवंबर 1990 तक, 343 दिनों के लिए सेवा प्रदान की।
वी.पी. सिंह ने देश में गरीबों की स्थिति में सुधार करने के लिए काम किया। उन्होंने आर्थिक सुधारों की पहल की और स्वतंत्रता सेनानियों के लिए वेतन आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान की।

समाजवादी जनता पार्टी

=> चंद्रशेखर

कार्यकाल – 10 नवंबर 1990 से, 21 जून 1991 तक, 223 दिनों के लिए सेवा प्रदान की। उन्होंने आर्थिक सुधारों, ग्रामीण विकास, और प्रशासनिक सुधारों पर बल दिया।

कांग्रेस

=> पी.वी. नरसिम्हा राव (पामुलापति वेंकट नरसिंह राव)

कार्यकाल – 21 जून 1991 से, 16 मई 1996 तक, 4 वर्ष और 330 दिनों के लिए सेवा प्रदान की।
पी.वी. नरसिम्हा राव सबसे सक्षम प्रशासकों में से एक थे जिन्होंने प्रमुख आर्थिक सुधार किये थे। उन्हें भारतीय आर्थिक सुधारों के पिता के रूप में भी जाना जाता है। उन्होंने “लाइसेंस राज” को खत्म कर दिया और राजीव गाँधी सरकार की समाजवादी नीतियों को उलट दिया। उनकी विशेष क्षमता के कारण उन्हें चाणक्य भी कहा जाता था। उन्होंने आर्थिक सुधारों, सुरक्षा प्रणाली के विकास, और आर्थिक संकट के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया।

भारतीय जनता पार्टी

=> अटल बिहारी वाजपेयी

कार्यकाल – 16 मई 1996 से, 1 जून 1996 तक, 16 दिनों के लिये सेवा प्रदान की।
कार्यकाल – 19 मार्च 1998 से, 22 मई 2004 तक, 6 साल और 64 दिनों के लिये सेवा प्रदान की।
अटल बिहारी वाजपेयी भारत के शिष्ट प्रधानमंत्री थे। उनके कार्यकाल के दौरान भारत में मुद्रास्फीति बहुत कम थी। उन्होंने आर्थिक सुधारों और विशेषकर ग्रामीण भारत की नीतियों पर काम किया। उनके कार्यकाल के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध थोड़े बेहतर हुए और दूरसंचार उद्योग में भी काफी उन्नति हुई। उन्हें आत्मनिर्भर भारत अभियान, क्षेत्रीय विकास, और न्यायिक सुधारों के लिए जाना जाता है।

जनता दल

=> एच.डी.देवगौड़ा

कार्यकाल – 1 जून 1996 से, 21 अप्रैल 1997 तक, 324 दिनों के लिये सेवा प्रदान की।
अपने कार्यकाल के दौरान देवगौड़ा ने गृह मंत्रालय, पेट्रोलियम और रसायन, शहरी रोजगार, खाद्य प्रसंस्करण, कार्मिक आदि मंत्रालयों पर अतिरिक्त कर भी लगाये। वह सामूहिक रूप से संयुक्त मोर्चा गठबंधन सरकार के नेता चुने गए थे।

=> आई.के.गुजराल

कार्यकाल – 21 अप्रैल 1997 से, 19 मार्च 1998 तक, 332 दिनों के लिए सेवा प्रदान की।
आई.के.गुजराल ने सीटीबीटी (व्यापक परीक्षण प्रतिबंध संधि) पर हस्ताक्षर करने का प्रतिरोध किया था। प्रधान मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य था। पोखरन परमाणु परीक्षणों का संचालन करने के लिए यह एक स्पष्ट तरीका था। उन्होंने पाकिस्तान के साथ संबंधों में सुधार लाने की दिशा में काम किया और गुजराल सिद्धांत के रूप में जाना जाने वाला पाँच सूत्री सिद्धांत दिया।

कांग्रेस

=> मनमोहन सिंह

कार्यकाल – 22 मई 2004 से, 26 मई 2014 तक सेवा प्रदान की
मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान सार्वजनिक कंपनियों के साथ-साथ बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में सुधार किये गये। उनकी सरकार ने वेल्यू एडेड टैक्स (वैट) लागू किया और उद्योग – नीतियों पर काम किया। उनके कार्यकाल में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन 2005 में शुरू हुआ था। आठ अतिरिक्त आईआईटी संस्थान आंध्र प्रदेश, बिहार, गुजरात, उड़ीसा, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में खोले गए। उन्होंने आर्थिक सुधारों, विदेशी नीति, और शिक्षा के क्षेत्र में कई सुधार किए।

भारतीय जनता पार्टी

=> नरेंद्र मोदी

कार्यकाल – मई 2014 से अब तक
नरेंद्र दामोदर दास मोदी ने 26 मई, 2014 को भारत के 15 वें प्रधानमंत्री के रूप में अपना पद ग्रहण किया। 2014 में अपने कार्यकाल की शुरुआत के बाद से, उन्होंने शासन की एक सख्त और अनुशासित प्रणाली तैयार की और जन धन योजना, स्वच्छ भारत अभियान जैसी कई नीतियों को भी लागू किया। 5 वर्षों में महात्मा गाँधी की 150 वीं जयंती पर देश का उत्थान करने और गंगा को निर्मल बनाने के उद्देश्य से उन्होने जन स्वच्छ योजना तथा स्वच्छ भारत अभियान जैसी परियोजनाओं का संचालन किया है। उन्हें आत्मनिर्भर भारत अभियान, जनधन योजना, स्वच्छ भारत अभियान, और डिजिटल भारत अभियान के लिए जाना जाता है।

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